यूपी के फैजाबाद ट्रेजरी के डबल लॉक में रखा गुमनामी बाबा का 25 वां बक्सा भी गुरुवार को खुल गया है। 26वां आखिरी बक्शा जल्दी खुलने की उम्मीद है। ये दो वो बक्से है जिसे मुखर्जी आयोज जांच के लिए ले गया था। जिसे बाद में वापस ट्रेजरी में रखा दिया गया था। 25वें बक्से में अभी तक गुरु गोलवरकर का लिखा पत्र मिला और देश विदेश के नक्से व रेलवे के नक्से मिले है इससे पहले जर्मनी के टाइप रायटर व दूरबीन निकले थे। आखिरी 26वे बाक्स से नेता जी से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण सामान निकलने की सम्भावना है।

फैजाबाद के राम भवन में रहने वाले गुमनामी बाबा कौन थे। इस प्रश्न का जवाब आज भी नहीं मिल पाया है। रहस्य से भरे गुमनामी बाबा के सामानों से उनका रहस्य और गहराता जा रहा है। क्या गुमनामी बाबा एक संत थे। अगर यह संत थे तो उनके सामानों से विदेशी वस्तुए क्यों निकल रही है। क्या कोई संत युद्ध में प्रयोग होने वाली वस्तुओं को रखेगा।गुमनामी बाबा के सामानों में एक दूरबीन निकली है।
जर्मनी मेड दूरबीन युद्ध में काम आने वाली चीज है। जापान की क्राकरी भी मिली है। इंग्लैंड का टाइप राइटर मिला है वहीं नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन की कुछ तस्वीरें भी मिली है। वहीं अन्य कई ऐसे सामान जैसे पत्थर का वाटर फिल्टर,फिलिप्स का रेडियो,रिकार्ड प्लेयर हाथी के दांत का बना टूटा स्मोकिंग पाइप,शंख छाता धोती और तमाम धार्मिक और साहित्यिक पुस्तकें मिले है। जो नेताजी को गुमनामी बाबा को कनेक्ट करते है।
मुखर्जी आयोग जब जांच के लिए आये तो वह दो बक्शों में गुमनामी बाबा के 900 वस्तुओं को लेकर गए थे। जिसमें आईएनए की वर्दी, गोल फ्रेम का चस्मा,रोलेक्स की घड़ी यह सब सामान इन बक्सों में रखे है जिसे कल सामने आने कि उम्मीद है। इन सभी सामानों को हाईकोर्ट के आदेश पर अयोध्या के राम कथा संग्रहालय में संरक्षित किये जाने है।
फैजाबाद ट्रेजरी के डबल लॉक में रखा गुमनामी बाबा का 25 वां बक्सा भी गुरुवार को खुल गया है। 26वां आखिरी बक्शा भी जल्दी खुलने की उम्मीद है!